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दीदी समन्य



दीदी समन्य 

दीदी तु हीट्ती जा 
पह्ड़ा थै नापती जा 
ऊँचा कैलाश ध्यै लगाणु 
दीदी ती थै च आज बुलाणु 
दीदी तु हीट्ती जा ...................

मेरा उत्तरखंड की तु छे शान 
मी थै लागु मी थै मील ये सन्मान 
फुल का गुछा थै वहाई अभिमान 
दीदी तु हरदम रहै एक समाना 
दीदी तु हीट्ती जा ...................

नारी की तु छे परीभाष 
गढ़ की तु एक अभीलासा 
हर घार घार तु देखै दीदी 
पहाड़ बेटी का सुपुनीयुं तु सजै दीदी 
दीदी तु हीट्ती जा ...................

मेर च ती थै प्रणाम दीदी 
कर तु गढ़ का अगणे नाम दीदी
तेरी अखंड ज्योती रहै जगमग दीदी 
माँ भगवती का चरणु ये पुकार दीदी 
दीदी तु हीट्ती जा ...................

दीदी तु हीट्ती जा 
पह्ड़ा थै नापती जा 
ऊँचा कैलाश ध्यै लगाणु 
दीदी ती थै च आज बुलाणु 
दीदी तु हीट्ती जा ...................

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत


कवी बालकृष्ण डी ध्यानी 
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