गेल्या मेरा.
सुख दुःख
सैलयामेरा
बिता दिणु का
छेल्या मेरा
गेल्या मेरा......२
रूठी गीयुं मी
छुडी गयुंमी
मेरु गढ़ धाम
तू णा रूठी मेसै
मेरु घनश्याम
गेल्या मेरा......२
गुरु बल्दों
हाकद हाकद
निकुल घाम
बांसुरी की ताण सुणी
तब मिल आराम
गेल्या मेरा......२
आज कल मा
तेरु मेरु छुटु साथ
याद आंणदी वा
आधी आपुरी बात
गद्न्युँ रुल्याँ का साथ
गेल्या मेरा......२
ग्याई यणी रात ण
णा गायाई याणी प्रभात
जब मेरु गेल्या तु णा आयी याद
ये मेरा उतराखंड गेल्या
कर दे मी थै माफ़
गेल्या मेरा......२
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
बालकृष्ण डी ध्यानी

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