खुदा ईश मेरे
अकेले बैठे एक ख्याल आया
दिल से से नुरे खुदा का पैगाम आया
तन को मन के हवाले करदों
मन को ईश के हवाले करदों
अकेले बैठे एक ख्याल आया ............
शिवाले मै अब गुंजै अजांन कंही
मंदिर मै अदा करैं नमजा कोइ
तन मन ने कोई फर्क ना पाया
दो आँखों ने खुदा नूर झलकाया
अकेले बैठे एक ख्याल आया ............
ज्योती प्रकाश मै खुदा ने नहलाया
भेद भवाना जाता पात बिसराया
अहम् अहंकार को जलाकर खुद ने
ईश से मिलने का मार्ग दीखलाया
अकेले बैठे एक ख्याल आया ............
अकेले बैठे एक ख्याल आया
दिल से नुरे खुदा का पैगाम आया
तन को मन के हवाले करदों
मन को ईश के हवाले करदों
अकेले बैठे एक ख्याल आया ............
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
बालकृष्ण डी ध्यानी
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