मै या वो
देख रहा हों दूर से
पास आने की हीम्मत नहीं
लड़ रहा अकेले वो
साथ देने की सुरत नहीं
एक अलग अलबेला वो
सत्य पर खड़ा अकेला वो
वो कहता दुनिया बड़ी सुखद
मै कहता बड़ा झमेला वो
आज मै जीने वाला मै
कल की फिकर करने वाला वो
आपने तक खुशीयां रखने वाला मै
अकेले दुःख झेलने वाला वो
मै ओर वो मे फर्क इतना है
मै मे अहंकार मेरा बसा
वो मे मुझे ईशवर ही दिखा
अब चुनना तुम्हे है मै या खुदा
देख रहा हों दूर से
पास आने की हीम्मत नहीं
लड़ रहा अकेले वो
साथ देने की सुरत नहीं
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
बालकृष्ण डी ध्यानी

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