ADD

सास बोई बेटी ब्वारी


सास बोई बेटी ब्वारी 

कण बिगरैली कण बिगरैली 
मुखडी स्वाणी माता कण बिगरैली 
सास बोई बेटी ब्वारी मेर पहाड़ की 
कण बैठ्याँछन भ्ग्यांन मेर पहाड़ की 

लगी दूर दूर तक रांग मेर पहाडा मा
भगवती तेरु पैलू मान मेर पहाड़ मा 
तेरु चरणु मा नतमस्तक ये संसार मेर पहाड़ मा 
ये मुखी भी अब लगाणी जयकार मेर पहाड़ मा 

सास बोई बेटी ब्वारी मेर पहाड़ की 
कण बैठ्याँछन भ्ग्यांन मेर पहाड़ की 

खैरी विपदा को गढ़ मेरु गढ़ धाम मा
भगवती कर दे तेरु उपकार मेरु गढ़ धाम मा
तेरु दया आगाध छात्र छ्या मेरु गढ़ धाम मा
कैलाश छुडी की नंदा माँ ऐ मैत मेरु गढ़ धाम मा

सास बोई बेटी ब्वारी मेर पहाड़ की 
कण बैठ्याँछन भ्ग्यांन मेर पहाड़ की 

तू सदणी रै मेरु दगडी दगडी मेरु गढ़ धाम मा
कभी बणीकी बोई कभी बावरी कभी बेटी मेरु गढ़ धाम मा
मील णी पीछण पायी बोई तेरु ये चमत्कार मेरु गढ़ धाम मा
कर दे ये मुर्ख को उधार मेरु गढ़ धाम मा

सास बोई बेटी ब्वारी मेर पहाड़ की 
कण बैठ्याँछन भ्ग्यांन मेर पहाड़ की 

कण बिगरैली कण बिगरैली 
मुखडी स्वाणी माता कण बिगरैली 
सास बोई बेटी ब्वारी मेर पहाड़ की 
कण बैठ्याँछन भ्ग्यांन मेर पहाड़ की 

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत 

बालकृष्ण डी ध्यानी 
Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ