बद्री-केदार
ये बाटा कखकजाणा बल
बद्री-केदार
के बाटा जाणा ये ऊँचा हीमाला
बाबा द्वारा
शिव कैलसा गढ़देश
मेरु गढ़वाल
माँ गंगोत्री को छाला
पावन ये धारा
कखक भाटैक बोगाण
शीतल जल धारा
बाबा को जाटा से
मा से निकली माँ
ले अर्ध चंद्र सहारा
वख सर्प की माला
त्रिशूल डमरू वाला
बाबा मरघट त्रिनेत्रवाल
वख भाटे आयीं गंगा की धारा
जख बैठ्याँ मेरु केदारनाथ बाबा
वख बद्री विशाला
माँ लक्ष्मी को वासा
बैठी छे माँ बद्री डला छाला
नर नारायण को वख बासा
दोई परबत को ली सहारा
मेरु कुल्देब्ता नरसिंह अवतार
भविष्य बद्रीविशाला
जगत गुरु शंक्रचर्या
स्थापित ये बद्री धाम निराला
भक्तों ये बाटा जाणा
मुक्ती धामा माँ गामा
सती का धमा गौरी सरासा
नंदा माँ का मैत कुमो गामा
बल कुंवारी माँ भगवती ठीकण
देख झंडा मा माँ की निशाण
ये डोला जाणु इष्ट देबता थे पूजाण
ये देवभूमी उत्तराखंड कुमो गढ़वाल
ये बाटा जाणा बल
बद्री-केदार
ये जाणा ये ऊँचा हीमाला
बाबा द्वारा
शिव कैलसा गढ़देश
मेरु गढ़वाल
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
बालकृष्ण डी ध्यानी
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