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यह इंतजार


यह इंतजार 

सुबह को तेरे पलकों को जगाऊंगा 
रात तेरे सपनो को ओढा सो जाऊँगा 
दिन को तेरे आंचल मै बांध जाऊँगा 
संध्या को तेरे बाँहों मै सीमट जाऊँगा 

गीत आज मै तुझ पर लिख जाऊंगा 
अकेले अकेले मै उसे गुन-गुनओंगा 
रीत की प्रीत तुझ से जोड़ जाऊंगा 
फिर रह रहकर तुझे मै याद आऊँगा 

सहेलीयुं संग होगी जब भी साथ
उनसे भी अकेला तुझे कर जाऊँगा आज 
खोयी होगी हरदम इस तु तरंह मुझ मै 
तुम्हारी बातों मै मै ही अब मुसकुराऊँगा 

पानी मै इस तरंह हलचल कर जाऊँगा 
सीने छुपे ऱाज की तरंह अब ना दबा रहा पाऊँगा 
सांसुं की तार से आज इस तरंह जुड़ा जाऊँगा 
पल पल तुम्हारे इस दिल को अब धडकाऊँगा 

यह इंतजार ना अब मै सह पाऊँगा 
उस गली उस मोड़ा आज भी बैठा पाऊँगा 
हाथों मै गुल होगा वो थोडा मुरझा मगर 
उस मै छुपा प्यार अब भी भरपुर होगा 

सुबह को तेरे पलकों को जगाऊंगा 
रात तेरे सपनो को ओढा सो जाऊँगा 
दिन को तेरे आंचल मै बांध जाऊँगा 
संध्या को तेरे बाँहों मै सीमट जाऊँगा 

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत 


बालकृष्ण डी ध्यानी

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