मी आजा
फुलणी खिली णी खिली
ना खिली ये बागा ......२
ड़णड़ बाटा सी उजड़ी गैण
मयारू गढ़वाल सारु आजा ......२
घर घरा की बाता भुल्हो घर घरा की बाता ....२
पुरु गढ़ देश रीटा होंयूँ
झण क्या वहाई बाता ......२
कुकर बिरल रुअडी गैनी
कै कूल्हण वो लुकी आड़ा.....२
घर घरा की बाता भुल्हो घर घरा की बाता ....२
दाण आंखी रूणी च आज
कंण चल युं ये चक्रचाल.....२
बुलाण कुण ब्वारी घर च
जीकोड़ी सात समोदर पारा ......२
घर घरा की बाता भुल्हो घर घरा की बाता ....२
माया प्रीत मा ताण तण
बोल्या बाणु गढ़ देश आजा ....२
पाड़ी पाड़ी णी बोल्यां मी थै
मी छुं आज दूँण सम्रारट ...२
घर घरा की बाता भुल्हो घर घरा की बाता ....२
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
बालकृष्ण डी ध्यानी

0 टिप्पणियाँ