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अकेला


अकेला 

अकेला चला मै 
साथ साथ चला मेरे 
मन और मंजील 
दिल और धड़कन 
अकेला चला मै ...............

नये पल के लिये 
बीते पल का साथ लिये 
तनहाई और यादों को पास लिये 
पथ मै आगे बड़ा मै 
अकेला चला मै ...............

छुटा बचपन 
ओर गया लड़कपन 
जवानी को साथ लिये
एक नयी आशा पास लिये 
अकेला चला मै ...............

संग विश्वास लिये
आँखों मै स्वप्न लिये 
ईछा शक्ती का भार लिये
रहा मै बड़ा जा रहा था मै 
अकेला चला मै ............... 

अकेला चला मै 
साथ साथ चला मेरे 
मन और मंजील 
दिल और धड़कन 
अकेला चला मै ...............

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत 

बालकृष्ण डी ध्यानी 
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