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मील यखी रैण


मील यखी रैण

ईणी रुल्युं मा छुं मी 
तै ढुंगुयुं मा फुकयुं छुं 
फिनक मेरा उडी यख 
कपाल मेरु फुटी यख
मी यखी छों बल अब यखी रैण !!

देख दूर गामा पुँर
तै कूड़ा मा जन्म्युं छुं
तै चौक मा पडयुं छुं 
ये दुर्पली थै ऊखरी छुं 
मी यखी छों बल अब यखी रैण !!

तै पुंगडी मा जम्युं छुं 
तै डाली मा बैठ्युं छुं 
तै गोउडी बलद चराणु छुं
ये माटी दगडी मी अब भी छुं 
मी यखी छों बल अब यखी रैण !!

सब यखी का यखी रहई
मी भी अब यखी रैण 
ये उत्तरखंड तै बीगर मील 
कणकै तीथै छुडीक जैण 
मी यखी छों बल अब यखी रैण !!

जुण मेरी जीकोडी का 
कण कै तिल यकुली रैण
जीन्दगाणी गयी मेरी यख
मोरगयुं मीत क्या वाहाई
मी यखी छों बल अब यखी रैण !!

ईणी रुल्युं मा छुं मी 
तै ढुंगुयुं मा फुकयुं छुं 
फिनक मेरा उडी यख 
कपाल मेरु फुटी यख
मी यखी छों बल अब यखी रैण !!

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत


बालकृष्ण डी ध्यानी 
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