ADD

गले मिल लो


गले मिल लो 

आज गले मिल लो 
इस हिर्दय की कंपन सुनलो
दिल से आवाज आती होगी 
तुम्हारा ही नाम गाती होगी 
आज गले मिल लो............................ 

तुम दीप मै तुम्हारी बत्ती 
कैसे जलों मै तुम बीन साथी 
शिकवे-गीले ना रहा जाये बाकी 
आ गले लग जा अब साथी 
आज गले मिल लो............................ 

गुल से गुल जब टकरायेगा 
चेहरा तुम्हरा खिल जायेगा 
गम तुम से कोसों दूर होगा 
तुम्हरे को खुद महसुस होगा 
आज गले मिल लो............................ 

आज गले मिल लो 
इस हिर्दय की कंपन सुनलो
दिल से आवाज आती होगी 
तुम्हारा ही नाम गाती होगी 
आज गले मिल लो............................ 

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत 

बालकृष्ण डी ध्यानी 
Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ