गमै तन्हाई
तेरी याद ओर बस गमै तन्हाई
लो नीगोडी बरसात मुझे रुलाने चली आयी है
तेरी याद ओर बस गमै तन्हाई.............................
आंसूं आंखें दो सहेली हैं
उलझी दोनों मै एक पहेली है
सुलझने लगी वो अकेली है
तेरी याद ओर बस गमै तन्हाई.............................
ख्याले तरनुम ने ली अंगडाई
बादलों से छनकर वो चली आयी है
साथ मेरे तु ओर वो रुसवाई
तेरी याद ओर बस गमै तन्हाई.............................
छाया घनाघोर अन्धेरा है
कलियारी रात का वो बसेरा है
दीपक जला बस वो मेरा है
तेरी याद ओर बस गमै तन्हाई.............................
तेरी याद ओर बस गमै तन्हाई
लो नीगोडी बरसात मुझे रुलाने चली आयी है
तेरी याद ओर बस गमै तन्हाई.............................
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
बालकृष्ण डी ध्यानी
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