आंखें हैं या महाताब
तेरी नज़रों ने छुआ इस तरहां
मै मै ना रहा मै मै ना रहा मै मै ना रहा
सितारों की चिलमन की मस्ती है यंहा
चंदा और सुरज की लगी बस्ती है यंहा
तेरी नज़रों ने छुआ इस तरहां ....................
नजारें ही नजारें हैं अब पलकों तले
सुबह शाम अब उनके इशारे पर चले
तेरी नज़रों ने छुआ इस तरहां ...................
जरै जरै की कह रही है अब ये आबु हवा
जमीं जमीं ना रही असमान असमान ना रहा
तेरी नज़रों ने छुआ इस तरहां..................
तेरी नज़रों ने छुआ इस तरहां
मै मै ना रहा मै मै ना रहा मै मै ना रहा
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
बालकृष्ण डी ध्यानी
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