केदार बाबा रात्री
चला भक्तों बाब द्वारी
कैलाश मा बैठ्युं बाबा त्रिशूल धरी
त्रिनेत्र वालो बाबा नीलकंठ मुरारी
सत्यम शिवम् सुंदरम त्रिपुरारी
डम डम डमरू धरी गंगा मस्तक पर विराजत
गले मै माला सर्पोंवाली शम्भु हितकारी
मरघट बाबा मायाल्दु अतिभारी
चन्द्रमा शीश पर सुवै सुतवारी
बमबम भोल्हे बोई पर्वती के स्वामी
दोई बालक गणेश कर्तीकै वे बाबा
भील नाम शिकारी अनजाने दुःख हरी
रात्री भील पता जल शंकर पिंडी अभिषेक चडायु
शंकर महादेव प्रकट भायु कष्ट निवारो
कष्ट निवारो रात्री तब बह्टैक महाशिवरात्री पर्व जन जन मनायु
जय अल्कख बिहारी जय अल्कख बिहारी
हमरी सेवा स्वीकार करू शम्भु दीनदयाला
चला भक्तों बाब द्वारी
कैलाश मा बैठ्युं बाबा त्रिशूल धरी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
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मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
बालकृष्ण डी ध्यानी
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