मोहब्बत ही मोहब्बत
मोहब्बत ही मोहब्बत है
आज फिजाओं के साथ
कोई आकर पखड़ लै ऐ हाथ .......
दिल की आवज दिलवालों के पास
लेकर आयी मोहब्बत की सौगात
मोहब्बत ही मोहब्बत है
उड़ने लगे आज मोहबत के बाज
जीने हो आपने परों पर नाज
मोहब्बत ही मोहब्बत है
सीना चिरकर कर दे इजहार
गुल ही नहीं आज काँटों कर ख्याल
मोहब्बत ही मोहब्बत है
बना दे उसे मोहब्बत का सरताज
जिसका प्यार दिल मै धड़का रहा आज
मोहब्बत ही मोहब्बत है
मोहब्बत ही मोहब्बत है
आज फिजाओं के साथ
कोई आकर पखड़ लै ऐ हाथ .......
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
बालकृष्ण डी ध्यानी
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