घ्यापलू बाडा
चाय की दुकानी मा बैठयुंच
आपरी जीमैदारी मा बैठयुंच
चाय पीलाणु मी मीठी मीठी
छुंयीं लगदु मी मीठी मीठी
मी घ्यापलू दादा पहाडा को
मेर चाय की दुकैन पुअडी बाजार को ......
दूध चीनी पाणी पत्ती
छुंयीं लगा लगा तो गाप्पी
विपदा खैरी यख सब हर्ची
चाय बाण रुपया दोई खर्ची
मी घ्यापलू दादा पहाडा को
मेर चाय की दुकैन पुअडी बाजार को ......
चुल्हमा चाय जब पक्की
आगा दगड जमगै तब गटी
उमली चाय की देख ऐगै
अद्रक स्वाद पहाडा मा छेगै
मी घ्यापलू दादा पहाडा को
मेर चाय की दुकैन पुअडी बाजार को ......
दोई क्षण मेर दुकानी मा ऐ
चाय चुस्की कु तो भी माजा लै
दुःख आपडा सब तू भूली जै
कभी त आपडा बाण भी जीले
मी घ्यापलू दादा पहाडा को
मेर चाय की दुकैन पुअडी बाजार को ......
हसदा हसदा रैर्हैगु दुकानी मा
कैल ना देखी ईण आंखी मा
एक एक छुडीगै पह्डा थै
को याद करूलू घ्यापलू बाडा थै
मी घ्यापलू दादा पहाडा को
मेर चाय की दुकैन पुअडी बाजार को ......
चाय की दुकानी मा बैठयुंच
आपरी जीमैदारी मा बैठयुंच
चाय पीलाणु मी मीठी मीठी
छुंयीं लगदु मी मीठी मीठी
मी घ्यापलू दादा पहाडा को
मेर चाय की दुकैन पुअडी बाजार को ......
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत

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