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चुबन


चुबन 

एक स्पर्श 
स्नेह प्रकट करने का
एक विचार 
कीसी का ख्याल करने का 

चुबन 
कंही वर्षवा 
मातत्व प्रेम का 
बालका हों तेरा 
उसी घेर का 

चुबन 
भात्र्त्व स्नेह 
के मिलाप का 
उसमे भी था 
रिश्तों के पास था 

चुबन 
इसकी की परिभाषा 
अति निराली 
प्रेम सावन मै भी 
ये नदीया बहती मतवाली 

चुबन 
वो बड़ा विरल था 
भावनत्मक संकेत था 
इछा शक्ती का केंद्र था 
नये इरादों का मेल था 

चुबन 
एक स्पर्श 
स्नेह प्रकट करने का
एक विचार 
कीसी का ख्याल करने का 

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत

बालकृष्ण डी ध्यानी 
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