किस दिल से
किस दिल से दुवा मै करूँ
ऐ दिल तो एक है वो भी टूटा होआ
किस दिल से दुवा मै करूँ ..............................२
जिस रह से मै गुजरूँ
वो रहा है काँटों भरी उस पर गुल कैसे चुनो
किस हाथों से दुवा मै करूँ ..............................२
एक एक छुड़ा चले ऐ आंसुओं को
किस रहा पर मै अब मोड़ों
किस दिल से दुवा मै करूँ ..............................२
बातों मै बात अब उनकी ही निकलती
मीटी जिनके कारण अपनी ये हस्ती
किस हाथों से दुवा मै करूँ ..............................२
किस दिल से दुवा मै करूँ
ऐ दिल तो एक है वो भी टूटा होआ
किस दिल से दुवा मै करूँ ..............................२
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
बालकृष्ण डी ध्यानी

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