गंगा पारा
बैठ्युंच गंगा पारा
बहणीच निर्मल धारा
पावन माँ गंगा कीनारा
हाथ जोड़ीले जोड़ीले आजा
बैठ्युंच गंगा पारा ........................
ऊँचा ऊँचा हिमाल
ऐ कैलाश गढ़ हमारा
उकाला उन्दारून मा
कल कल करणी गंगा धारा
बैठ्युंच गंगा पारा ........................
ठंडो ठंडो मीठो पाणी
मन्ख्युं की तिस बुजाणी
गढ़ देशा की गंगा स्वाणी
उतराखंड मा बोगुणी
बैठ्युंच गंगा पारा ........................
बैठ्युंच गंगा पारा
बहणीच निर्मल धारा
पावन माँ गंगा कीनारा
हाथ जोड़ीले जोड़ीले आजा
बैठ्युंच गंगा पारा ........................
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
बालकृष्ण डी ध्यानी

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