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गुलाल सा खिला


गुलाल सा खिला

दिल ऐ शकुन सा मिला 
आज दिल गुलाल सा खिला 
चेहरों पर आज सबके
कुछ मलाल सा हटा 
आज दिल गुलाल सा खिला.................

होली के शुमार मै
गुले गुलजार है खिला 
लाल पीले रंगों मै 
वो निखार सा खिला 
दिल ऐ शकुन सा मिला....................

कंही भीगा तन कंही मन 
कंही चोली कंही दमन 
घूँघट मै वो चाँद सा खिला 
महबुब से आज वो मिला 
कुछ मलाल सा हटा .....................

दिल ऐ शकुन सा मिला 
आज दिल गुलाल सा खिला 
चेहरों पर आज सबके
कुछ मलाल सा हटा 
आज दिल गुलाल सा खिला.................

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत 

बालकृष्ण डी ध्यानी
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