गेड
माया का गेड मा
बंध्युं मन का घेरा मा
टूट्य सप्नियु का देश मा
माया का गेड मा................
कंण हिटो पहाडा
कांटा चुब्याँ जीकोडी का घेरा मा
थकी खुटी की पीड़ा मा
माया का गेड मा................
उकालु चड़दा चड़दा
दाणा होंयाँ दाणु का डैरमा
तिशुल तो कखक हरचै
माया का गेड मा................
उन्दरी बाटा बोउगी गै
लालच लोभ मा अटगै
एक गेडा मा तो भटकै
माया का गेड मा................
धगुली धगुली का छेड़ा
उलझेगै तो कंण रेघा मा
जींदगी का खेला मा
माया का गेड मा................
माया की थ्गोली
णा सील पायी तैण झगोली
कैका बाण तिल सगोड़ी
माया का गेड मा................
माया का गेड मा
बंध्युं मन का घेरा मा
टूट्य सप्नियु का देश मा
माया का गेड मा................
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
बालकृष्ण डी ध्यानी
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