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गीत मी ....



 
गीत मी ....

गीत मी लगाणदी रूं 
दुखडा अपडा बथानदी रूं 
को भ्ज्ञान सुणलु जी 
विपदा म्यार खैरी की 
गीत मी लगाणदी रूं ……………

मी गड्वाली पहाडा को 
सीमलसैणधारा को 
बंजा पड़ा पुन्गाडी मेरी 
अल छाला पल छाला को 
गीत मी लगाणदी रूं ……………

लग्युं रूं कटुमदरी मा 
अपरी जीमैदरी मा 
कभी जंगलाताखता मा 
कभी सड़की का ठेकादरों मा 
गीत मी लगाणदी रूं ……………

इत्गा कै की भी भै भुलों 
ध्याड़ी ना मेरी पुरी पडी 
पुटगी की आगा ये बल्दी रै 
बाबा बोई बच्चा भुकी सैयी 
गीत मी लगाणदी रूं ……………

पहाडा की ये दशा च भुलोंह 
आंखी मेरी अब रडदी रै 
को सुणओलो आज ये को दिलो साथ ये 
उत्तराखण्ड मात्रभुमी मा लगी आशा ये 
गीत मी लगाणदी रूं ……………

गीत मी लगाणदी रूं 
दुखडा अपडा बथानदी रूं 
को भ्ज्ञान सुणलु जी 
विपदा म्यार खैरी की 
गीत मी लगाणदी रूं ……………

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com 
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत 

बालकृष्ण डी ध्यानी
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