
बाट हेरदा फुल
बिन्सरी दैली मा खिल्दा फुल
ऐजवा ऐजवा बसंता की धूम
गों गों दैली दैली सजण लगी
गढ़ आज देखा बयुओली बणी
बिन्सरी दैली मा खिल्दा फुल ............
नन्हा भुल्ह भुल्ही की अब
गों मा घुमाण लगी टोली
डाब डाबण लाग्यां ओजी का ढोल
रंगमत होआ चाला नुँना ओर गोंऊरा
बिन्सरी दैली मा खिल्दा फुल ............
गीतों की लगी अब बहार
मीठा पकवानों दगडी सज्याँ थाला
नन्हा हाथों से अब खैजा
भुल्हो परदेशी अब घारा ऐजा
बिन्सरी दैली मा खिल्दा फुल ............
तेरु सारु देखणी बेटी ब्वारी आज
छोटा बच्चों को लगी आशा
कब आल बाबा भेजी स्वामी घारा
बिन्सरी दैली मा बाट हेरदा फुलह
बिन्सरी दैली मा खिल्दा फुल ............
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
बालकृष्ण डी ध्यानी

0 टिप्पणियाँ