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सैकी


 

सैकी 

सै सैकी ग्याई ऐ 
उपरी उपरी आई ऐ 
जवानी को ..२ उमला ऐ 
कुछ कम णी आई ऐ 
सै सैकी ग्याई ऐ …..

बाबा बोईल समझाई 
कभी मारी मीथै 
कभी मीथै दम दै 
दादा दादी को मयलादू ऐ 
सै सैकी ग्याई ऐ …..

स्कोला कोलेज मा भी 
दर मंदरा कुल्हाण मा भी 
उकाली उंदार मा भी 
मीथै कुछ भी णी भायी ऐ 
सै सैकी ग्याई ऐ ……….

ब्योहा व्हाई बावरी आई 
सेवकरी मेरी दो नुँनो वहई 
घर पुंगड़ का काम भी 
सोंजड़या ल ही क्याई ही ये 
सै सैकी ग्याई ऐ …..

बु ढो व्हैगेऊ मी अब ऐ 
बल अब भी खटुला ही प्यारु ऐ 
खेंशी खेंशी की दमदयट दयाई 
हुका चाय अब भी खट्लू मा आई 
सै सैकी ग्याई ऐ …..

मेर इनी जींदगानी गै 
केंकी णा मील फिकर की 
बीडी की सुटा मिल फूकै
बाटली थैली खट्लू मा ऐ 
सै सैकी ग्याई ऐ …..

सै सैकी ग्याई ऐ 
उपरी उपरी आई ऐ 
जवानी को ..२ उमला ऐ 
कुछ कम णी आई ऐ 
सै सैकी ग्याई ऐ …..

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com 
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत

बालकृष्ण डी ध्यानी
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