प्रभु दया
शंकर भोले.................२औ
सुनलो पुकार भगवन
तुम हो दया के सागर
गगरी खाली है भोले
देदो गंगा जी का तड़पंन
अश्रु धार लिये भगवन
आया हो कैलाश दर पर
शंकर भोले.................२औ
सुनलो पुकार भगवन
तुम हो दया के सागर
जब भी जिसने भी बुलाया
तुरंत पहुंचें तुम सब तज कर
मेरी भक्ती मै खोट है देव मेरे
क्यों बैठे हो मुझ से साईं रूठ कर
शंकर भोले.................२औ
सुनलो पुकार भगवन
तुम हो दया के सागर
मै बालक अति अभिमानी
पिता बनकर मीटवो गिलानी
हाथ जोड़ बैठा हों प्रभु मेरे
कंहा छुपे मेरे सुखकर
शंकर भोले.................२औ
सुनलो पुकार भगवन
तुम हो दया के सागर
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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