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भंडाया दिण


भंडाया दिण 

भंडाया दिण बाद 
मी पहाडा आयुं.......२
मेरा गों बाटा थै 
मै बिसरी गयुं..........२
भंडाया दिण बाद 

बोई ऐ उकाल 
देख मै भीर गीर गयुं 
दोई संसा चड़ी मी 
झट तै ढंया बैसी गयुं 
भंडाया दिण बाद 


कमरी तुटन लगी 
खुटी मेर दुखण लगी 
दिण घाम तिसलु गलंण लग्युं 
राता जाडु गठ्यारू हीलंण लग्युं 
भंडाया दिण बाद 

तब लगी मी थै 
मेर पहाड़ थै कण भुली गयुं 
रैण सैण रीती रीवाज
आज बस उपरी मनखी गयुं 
भंडाया दिण बाद 

भंडाया दिण बाद 
मी पहाडा आयुं.......२
मेरा गों बाटा थै 
मै बिसरी गयुं..........२
भंडाया दिण बाद 

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत


बालकृष्ण डी ध्यानी
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