होली है
रंग बरसे है आज
मन मन के अंगीयारै मै
छत ओर चौबारे मै
खुशीयों के गुब्बारे मै
रंग बरसे है आज.....................
दिल की पिचकरी ने है
देखो आज निशना है साधा
राधा है आज सभी बाला
ओर कन्हा बना हर ग्वाला
रंग बरसे है आज.....................
कोई किसी की चोली खीचे
कोई है यंहा अंखीयों को भीचे
कीसी ने यंहा मल दिया गुलाल
चेहरा किसी का हो गया लाल
रंग बरसे है आज.....................
कोई यंह मुख पर गाली देता
अपने गुस्से को आज तज देता
पीछे से कोइ आता मतवाला
बुरा ना मानो होली है कह देता
रंग बरसे है आज.....................
रंगों उमंगों का है तियौहार
खुशीयों की बस छायी है बहार
उदास क्यों बैठा है मन मेरे
चल उठ होली है कह दे एक बार
रंग बरसे है आज.....................
रंग बरसे है आज
मन मन के अंगीयारै मै
छत ओर चौबारे मै
खुशीयों के गुब्बारे मै
रंग बरसे है आज.....................
बालकृष्ण डी ध्यानी ओर बद्री-केदार की और से होली की शुभ कामनायें
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
बालकृष्ण डी ध्यानी 
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