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बैरंग है दुनिया


बैरंग है दुनिया 

बैरंग है दुनिया 
कुछ रंग मै भरों 
कुछ रंग तुम भरो 
बैरंग है दुनिया ..........................
फुलों से कभी तो 
कभी कलियों से रंग चुनो 
बैरंग है दुनिया ..........................
मिर्ग जल है तृष्णा 
जल मै कंह से भरों 
बैरंग है दुनिया ..........................
संकोचित है सोच 
विसत्रित कैसे करों 
बैरंग है दुनिया ..........................
जीवन कटु सत्य 
कैसे उजागर करों
बैरंग है दुनिया ..........................
पल बीतें रुठे रुठे 
खुशीयाँ कांह गिनों
बैरंग है दुनिया ..........................
फल्संफा इश्क का 
तेरे साथ ही बुनो 
बैरंग है दुनिया .......................... 
कुछ रंग मै भरों 
कुछ रंग तुम भरो 

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत

बालकृष्ण डी ध्यानी
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