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ना बिसर


ना बिसर 

ना बिसर ना बिसर 
ना बिसर प्रिये मी थै 
ये उकाला उंदारूं का बाटा मा 
तेडा मेडा सड्की का छोर मा 
ना बिसर प्रिये मी थै .......................

मनखी का घोला मा सदनी 
बैठी रहूँलुं च्खुल बणी मी 
जीकोडी का पिंजारा मा तेर प्रिये 
सदनी राखी माया का झोल मा 
ना बिसर प्रिये मी थै .......................

खैरी विपदा सदनी ऐ गढ़ मा
खैरी विपद ना समझ मीथै गेल्याणी मेरी 
पुअड जालो रुमक डंडा पुँरा 
दुओडू आलो मी तेरा छोरा प्रिय मेरी 
ना बिसर प्रिये मी थै .......................

ना रो ना रो प्रिये मेरी ना मीथै रुला अब 
ऐ आंसूं थै ना धुला ऐ गेल्याणी मेरी 
पुअड जालो मी यूँ अन्ख्युं का घेरा सी 
बोग्युं जालों गड्नीयुं मा माछा सी 
ना बिसर प्रिये मी थै .......................

ना बिसर ना बिसर 
ना बिसर प्रिये मी थै 
ये उकाला उंदारूं का बाटा मा 
तेडा मेडा सड्की का छोर मा 
ना बिसर प्रिये मी थै .......................

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत 
बालकृष्ण डी ध्यानी
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