!!कैमाणी !!
कैमाणी बोली
जीकोडी णी खोव्ली
अपरी पीड़ा अपरी मा रहाई
भुल्हों हमरी जिन्दगी
बस याणी ग्याई बस याणी ग्याई
कैमाणी बोली
जीकोडी णी खोव्ली ......................
यकुली मा हे विधाता
ऐ दोई आंखी कीले रोणी
आपरा जीकोडी मा लगायाँ थ्ग्ल्या
बल जब मील खुद सीणी
या किले होली रोणी
कैमाणी बोली
जीकोडी णी खोव्ली ......................
ह्यांदु आयी ह्यांदु भी गयाई
बसंत भी आयी बसंत भी गयाई
बस मयारू मोल्यारु सदनी को रहई
हे पीड़ा खैरी ऐ दगडया मेरी
तो कभी ना मेर साथ छोडी
कैमाणी बोली
जीकोडी णी खोव्ली ......................
कैमाणी बोली
जीकोडी णी खोव्ली
अपरी पीड़ा अपरी मा रहाई
भुल्हों हमरी जिन्दगी
बस याणी ग्याई बस याणी ग्याई
कैमाणी बोली
जीकोडी णी खोव्ली ......................
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
बालकृष्ण डी ध्यानी
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