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बस छवी छु


बस छवी छु 

ना कवी छु ना रवि छु 
गढ़ देश को बस छवी छु 
झोल पड़लु दिखी जोलो 
अंधारु मा लुकी जोंलो 
ना कवी छु ना रवि छु 
गढ़ देश को बस छवी छु 

उकालु मी हिठुं छु 
उन्दारू दगडी भागी छु 
विपदा खैरी दगडी होली 
वा पीछणे आली वहली 
ना कवी छु ना रवि छु 
गढ़ देश को बस छवी छु 

बाटा बाटा मेरा बाटा 
छुयीं लगाणु ऐगै भगा 
बवारी को चुलगै आंख
स्वामी जी ऐगै यादा 
ना कवी छु ना रवि छु 
गढ़ देश को बस छवी छु 

ना कवी छु ना रवि छु 
गढ़ देश को बस छवी छु 
झोल पड़लु दिखी जोलो 
अंधारु मा लुकी जोंलो 
ना कवी छु ना रवि छु 
गढ़ देश को बस छवी छु 

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत 

बालकृष्ण डी ध्यानी
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