ADD

"पिया बीन"


"पिया बीन"

रात का दिल धडकेगा 
चक्षु मै ऐ दर्द उभरेगा !!

चंद्रमा माथे पर उभरेगा 
सिंदुर माँग पर दमकेगा !!

गेंसुं पर गजरा महकेगा 
लटों पर वो ऐसे सुल्झैगा !!

मन भीतर दिया जलेगा 
अँधेर अब यूँ ही अब छलेगा !! 

आसूँ टिप टिप करते होंगे
नथनी संग वो खंनके होंगे !!

ओंठों को स्पर्श कीया होगा 
प्रेम नै तब रस पीया होगा !!

छलक छलक रात गुजरी 
पिया बीन वो रात गुजरी !! 

रात का दिल धडकेगा 
चक्षु मै ऐ दर्द उभरेगा !!

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत 

बालकृष्ण डी ध्यानी
Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ