वो आगोश
आगोश मै वो आती है
दिल को चैन सकूँन मिल जाता है
दर्द ना जाने कंहा छुप जाता है
दिल मंद मंद मुस्कुराता है
जब आगोश मै वो आती है ...................
छोटी बातों पर रूठ जाती
इस दिल को वो तडपती है
कीसी बहाने पास आती है
दिल फिर झुम जाता है
जब आगोश मै वो आती है ...................
साथ जब वो रहती है वो
वकत ना जाने कैसे कट जाता है
अकेले मै वो लम्हा याद आ जाता है
इस दिल को रुलाता है
जब आगोश मै वो आती है ...................
वो मेरी संगनी सात परदों की
हर दर्पण मै वो खिल जाती है
आपना वादा निभाने वो देखो
हर जीवन मै वो मील जाती है
जब आगोश मै वो आती है ...................
आगोश मै वो आती है
दिल को चैन सकूँन मिल जाता है
दर्द ना जाने कंहा छुप जाता है
दिल मंद मंद मुस्कुराता है
जब आगोश मै वो आती है ...................
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
बालकृष्ण डी ध्यानी
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