ADD

सरू गढ़ मा


सरू गढ़ मा 

देखा कंण टुंडा बाणुचा 
युओ बुढया बस फुंड बाणुचा 
थैली दारू की लुकै लुकै की 
कण कूल्हण बैठयूँ चा 
देख शराबा की धेल फैल 
ठेकदारों की यख चहेल पैल...............

सरकार लाणी बल यख रेल
छुट ग्याई जवानों कब की रेल 
भागी भागी ना निकली यूँकी तेल 
पांच बरसा को च ऐ छुटी मेल 
देख नेतओं की धेल फैल 
नेतओं की यख चहेल पैल...............

दीदी भुलीयुं का आरसा 
खाणाकुंण ऐ गढ़ तरसा 
जीकोड़ी रैगै यख तंसु 
अँखोंयों रैगै बल आँसुं 
बेटी बव्वारी विपदा खैरी 
अपरूल यख कभी णी जाणी ................

देखा कंण टुंडा बाणुचा 
युओ बुढया बस फुंड बाणुचा 
थैली दारू की लुकै लुकै की 
कण कूल्हण बैठयूँ चा 
देख शराबा की धेल फैल 
ठेकदारों की यख चहेल पैल...............

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत 

बालकृष्ण डी ध्यानी
Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ