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आज और कल


आज और कल 

इस ओर आज दुजी और कल 
बीच रहकर ना निकलेगा ऐ हल 
करनी पड़ेगी एक को ऐ पहल 
लगा अक्कल ना कर नकल 
एक तरफ आज दुजी तरफ कल ..............

ना ऐसे फिसल ना ऐसे गिर
अब तो थोड़ा सा जा संभाल
मौका ना जाये फिर निकल
ना आयेगा ये बीता होआ पल 
एक तरफ आज दुजी तरफ कल ..............

सोच समझ आगे कदम बड़ा 
धैर्या सहसा का पर्चम लहरा 
उन्न्ती हो सद मार्ग से सदा 
थोड़ा सही ध्यान प्रभु मै लगा 
एक तरफ आज दुजी तरफ कल ..............

इस ओर आज दुजी और कल 
बीच रहकर ना निकलेगा ऐ हल 
करनी पड़ेगी एक को ऐ पहल 
लगा अक्कल ना कर नकल 
एक तरफ आज दुजी तरफ कल ..............

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत 

बालकृष्ण डी ध्यानी
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