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"एक अनजाना सखी "


"एक अनजाना सखी "

कविता महसुस होती है 
शब्दों के अंदर खोती है !!

कविता नये आयाम खडा करती है 
समाज मै मिसाल पैदा करती है !!

कविता गुबंद खड़ा करती है 
हीमालया चोटी से वो बतियाती है !!

कविता दर्द तार छेड़ देती 
सुख झंकार मन छु लेती है !!

कविता जीवन सार छुपा है 
दीन और दिल का हाल छुपा है !!

कविता सबको बेनकाब करती है 
धुंधले दर्पण मै निखार पैदा करती है 

कविता भुले को राह देखती है 
दिल को समाधान पैदा करती है 

कविता सकुन चैन बग्यारी है 
विश्व की वो अनजाना सखी है 

कविता महसुस होती है 
शब्दों के अंदर खोती है !!

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत 

बालकृष्ण डी ध्यानी
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