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बरखा ऐगै गढ़ देश !!


बरखा ऐगै गढ़ देश !! 

घिर घिर कै की ऐगे ऐ बरखा ..२ 
दैण हुयां मेरा गड का देबता 
उमली उमला हर्ची गैये बरखा 

उंचा हिमाल चमकणी ऐ बरखा ..२ 
रुलोयुं गदनीयुं सरगेये बरखा 
घिर घिर कै की ऐगे ऐ बरखा ..२ 

दण्ड कंडा बरसी ऐ बरखा ..२ 
डाली फुल पाती हसगैये बरखा 
घिर घिर कै की ऐगे ऐ बरखा ..२ 

कुल्हाण उकाला छगै ऐ बरखा ..२ 
उन्दारों बाटा मा लुकीगैये बरखा 
घिर घिर कै की ऐगे ऐ बरखा ..२ 

बाटों गों कूड़ा खपरैल मा गिरगै ऐ बरखा 
च्खाल पखाल मुल्की थे कैगे बरखा 
घिर घिर कै की ऐगे ऐ बरखा ..२ 

हरलु हरालू मनख्यूं थै कै ऐ बरखा...२
मेर रुन्तैलू गढ़ देश तो ऐगैये बरखा 
घिर घिर कै की ऐगे ऐ बरखा ..२ 

घिर घिर कै की ऐगे ऐ बरखा ..२ 
दैण हुयां मेरा गड का देबता 
उमली उमला हर्ची गैये बरखा 

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत 

बालकृष्ण डी ध्यानी
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