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धरती गढ़देश की


धरती गढ़देश की

कंण सजणी धरती गढ़देश की
जण नटणी वहाली ब्योली मायदेशा की 

हरलो सी धोती वा लटोलणी वहाली 
ब्यार दगडी झुमैला गीत लगाणी वहाली 

पिंगला बीलोज मा वा खूब दिखैणी 
लाल रंग माथा मा बुरंस टीका लगाणी 

घुघूती दगडया संग आज मैत वा जाणी
हरु हरु कंचा की वा हाथा मा चूड़ी दिखणी 

डंडा कंडा मा वा अपरी पैजाणी बजाणी
गाल्ला गुलबंद जाणी ऐ देशा फुल खीलाणी 

गदनीयूँ मा बोई गंगा माया बूतेणी 
हिमाला गढ़ को माथामा मुकोट विराजणी 

लटपट अब सब कामधाणी उकरेणी 
झटपट झटपट अब वा देख बाजार को जाणी 

म्यार दगडी उत्तराखंड की छुंयीं वा लगाणी
आपरा लोग थै वा घरादारा की बाट देखाणी 

कंण सजणी धरती गढ़देश की
जण नटणी वहाली ब्योली मायदेशा की 

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत 

बालकृष्ण डी ध्यानी
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