तड़पन
खफा खफा सा लगा ..२
ना जाने क्यों पास होकर भी ..३
खफा खफा सा लगा ..२
वो जुदा जुदा सा लगा ...२
साथ साथ चलकर भी ...३
खफा खफा सा लगा ..२
छुटा छुटा लगा साथ रहकर भी ..२
पेड़ से टुटा वो पन्ना...३
खफा खफा सा लगा ..२
दिल दर्द का अलग रिश्ता लगा..२
गम और बस गम मै सुलगता रहा ..३
खफा खफा सा लगा ..२
भीगी गीली लकड़ी की तरंह ..२
आग से वो धुवाँ ऐसे उठता रहा...३
खफा खफा सा लगा ..२
तड़पन तड़पीत सी तड़पती रही..२
वो दिया यूँ रातभर खफा सा लगा..३
खफा खफा सा लगा ..२
खफा खफा सा लगा ..२
ना जाने क्यों पास होकर भी ..३
खफा खफा सा लगा ..२
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
बालकृष्ण डी ध्यानी
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