आंख बंद करली
खुशी मिली ना मुझे गम से दोस्ती करली
बंद मे घुटन से लगी वीरानो से बंदगी करली है
खुशी मिली ना मुझे गम से दोस्ती करली
जिदगी से हमने अब आंख बंद करली
उजालों ने धोखा दिया अंधेरों ने ना रोका मुझे
चिलमीलती धुप मे छंव से जा सौदा किया
खुशी मिली ना मुझे गम से दोस्ती करली
जिदगी से हमने अब आंख बंद करली
रहा गर्दिशों वाली उस पर ही मै चलता रहा
सितमगर ने सितम किया छोड़ मुझे करम कीया
खुशी मिली ना मुझे गम से दोस्ती करली
जिदगी से हमने अब आंख बंद करली
खुशी मिली ना मुझे गम से दोस्ती करली
बंद मे घुटन से लगी वीरानो से बंदगी करली है
खुशी मिली ना मुझे गम से दोस्ती करली
जिदगी से हमने अब आंख बंद करली
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि
बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
बालकृष्ण डी ध्यानी
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