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रुवाली तू


रुवाली तू 

नींदी नी अब ओंदी बल 
दीण भी राती भी 
अब तू सतोंदी बल 
जांदी जांदी तू क्ख्क जांदी बल 
अन्ख्युं थै देख बल अब 
रुवाली तू रुवालीजांदी बल 

प्रेम का पह्डा लगांदी
दोई एकी दोई 
दोई दुनी चार प्यार सीखंदी तू 
पाठ वहगे प्रेम पह्डा 
अब बल केले बिसरंदी तू 
सुधी कीले रूस जांदी तू 

नींदी नी अब ओंदी बल 
दीण भी राती भी 
अब तू सतोंदी बल 
जांदी जांदी तू क्ख्क जांदी बल 
अन्ख्युं थै देख बल अब 
रुवाली तू रुवालीजांदी बल 

आनर सेब आरू की दाणी बल 
तिमला कीन्गोड़ा हिंशोंलों की सयाणी बल 
कंण राम झम राम झम गदनीयुं की गाणी बल 
तेर मुखडी सरीता सबसे स्वाणी बल 
प्रीत लगै की कीले गै तू दूरर्वाली बल 
खुदमा भी तू अब खुदाणी बल 

नींदी नी अब ओंदी बल 
दीण भी राती भी 
अब तू सतोंदी बल 
जांदी जांदी तू क्ख्क जांदी बल 
अन्ख्युं थै देख बल अब 
रुवाली तू रुवालीजांदी बल 

झणमण बरखा सी जांदी बल 
चाल थै अब बल चमकणदी बल 
डंडा कंडा सी माया माया लगान्दी बल 
दो घड़ी साथ रैकी कीले चली जांदी बल 
देख कंण जीकोडी झुओरोंदी बल 
तेर खुद बस दगडी दगडी मेर ओंदी बल 

नींदी नी अब ओंदी बल 
दीण भी राती भी 
अब तू सतोंदी बल 
जांदी जांदी तू क्ख्क जांदी बल 
अन्ख्युं थै देख बल अब 
रुवाली तू रुवालीजांदी बल 

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत

बालकृष्ण डी ध्यानी
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