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रुपया खर्ची


रुपया खर्ची 

देख नया लरका झरका 
किसा मा धरयुं बटवा पुंछुं खरका 
टक्का की देख टक टक्का टरका 
अपर पराया सभी ऐमा हरचा
देख नया लरका झरका ...........

देख फैशन को झरका 
ब्वारी को बीलोज कंदुंन सरका
बीमल ग्याई पौडी बाजार ऐगे बरखा 
हाथमा बटवा बोला अबत रुपया खर्चा 
देख नया लरका झरका ...........

अगणे ग्याई फैशाण की बरखा 
नया जमानो को छोरों का देख नखरा 
कैंकी सीखा सैर करण छों तुम 
कुर्ता पैजाम छुड जींस गोगल का तडका 
देख नया लरका झरका ...........

तडका लगी अब जीयूँ धरका
धयां कुहलण मा छुपुं देशी को ठरका 
बुढया बुलाणु छोड़ देशी अंग्रेज़ी चड़ों चस्का 
लुणा धोल मीट की कच्बोली को खै चकणा 
देख नया लरका झरका ...........

ईण मची गह देश मा भैर भीतर 
फैशन णी कैदै हम थै बस भैर भैर 
रिती रिवाज संस्कृती अब यख हर्ची 
मयाल बोली बस दीदा अब बस रुपया खर्ची 

देख नया लरका झरका 
किसा मा धरयुं बटवा पुंछुं खरका 
टक्का की देख टक टक्का टरका 
अपर पराया सभी ऐमा हरचा
देख नया लरका झरका ...........

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत 

बालकृष्ण डी ध्यानी
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