सुवा बस तेरु साथ
किन्गोड़ा दाणी मेरी
कफाल सी सयाणी मेरी
घुघूती वो मेर हिलंसा
कै डाली मा बैठी होली
सुवा सुणा जा मेरी बात,सुवा सुणा जा मेरी बात
घरे आणु मी प्रभात सुवा घरे आणु मी प्रभात
दोई मैना की छुट्टी सुवा णा उकाल ईणी गंगा की धारा
भै जालो ऐ अन्खोंयुं का सुरमा
सुवा सुणा जा मेरी बात,सुवा सुणा जा मेरी बात
डंडी काठी बिजाली
मैत भ्तैक औ ससरस बाटा खोज्याली
लपाक झपक खोटों चलो सुवा
दिल्ली एअरपोर्ट मेर जह्ज उत्तरायाली
मी ऐगु मेरा देश सुवा मी ऐगु मेरा देश
भोलह आलो मी गढ़ देश सुवा भोलह आलो मी गढ़ देश
दोई बरसा बाद सुवा होली तेरी मेर भेंट
आणु छुं मयारू गढ़ देश सुवा मयारू गढ़ देश
राती की बिजली बली ग्याई
स्व्प्नीय नींदी मा तैरी ग्याई
अंखा खुले णी खुले मेर सुवा
तेरी प्यारी मुखडी देखी ग्याई
ऐगयुं मी घर सुवा मेर ऐगयुं मी घर
अब त उघड दै कीवाड़ सुवा उघड दै कीवाड़
बोल्युं मन सुवा दै दू मेरु साथ
णी जाँण कभी मील गड़ छुडी की अब
सबैर शाम अब मी थै चाणु
तेरु ही साथ सुवा बस तेरु साथ
किन्गोड़ा दाणी मेरी
कफाल सी सयाणी मेरी
घुघूती वो मेर हिलंसा
कै डाली मा बैठी होली
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
बालकृष्ण डी ध्यानी
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