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आम था मै


आम था मै

आम था इसलिये मै जलता ही रहा 
कभी कोयले में कभी डीजल में ओर कभी पेट्रोल मे
बड़ते दाम की अग्नी लगती ही रही 
आम था इसलिये मै जलता ही रहा 

गरीबी रेखा से उठकर 
अमीरी की रेखा से दबकर 
महंगाई से मै लड़ता ही रहा 
आम था इसलिये मै जलता ही रहा 

कल के फ़िक्र मे आज को भूल चुका 
जिंदगी दब दबकर मै जी चुका 
कल क्या हुआ आज भूल चुका 
आम था इसलिये मै जलता ही रहा 

दाल छोड़ा कभी रोटी छोडी 
गैस चुल्हा ने कभी दिया धोखा 
सैर सपाटे से मैने मुंह मोड़ा 
आम था इसलिये मै जलता ही रहा 

टैक्स ने मार कभी लोंन ने मार 
कभी सब्जी के बड़ते दाम ने मार 
धक्का खाकर ही ऐ जीवन गुजार 
आम था इसलिये मै जलता ही रहा 

आम था इसलिये मै जलता ही रहा 
कभी कोयले में कभी डीजल में ओर कभी पेट्रोल मे
बड़ते दाम की अग्नी लगती ही रही 
आम था इसलिये मै जलता ही रहा 

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत

बालकृष्ण डी ध्यानी
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