तू जै कै परदेश भी बेटा
सदनी ऐ दिण ईणी ही...... गैन
तू कै देश तू क्ख्क भी........रैण
तू जै कै परदेश भी
तेरु गढ़ देशा तेरु पीछणे ही..... ऐंण
जापान.... जर्मनी बल .....स्विजरलैंड
अबुधाभी सउदी बल..... बाहरेन
तू जै कै परदेश भी बेटा
तेरु गढ़ देशा तेरु पीछणे ही..... ऐंण
वख भी खुदालू तेरु .......उत्तराखंड
दौडी दौडी तू क्ख्क तक..... जैण
तू जै कै परदेश भी बेटा
तेरु गढ़ देशा तेरु पीछणे ही..... ऐंण
विदेशी टक्का की तैमा ......माया बहुँत
देखुल मी भी कैमा मा .... माया बहुँत
तू जै कै परदेश भी बेटा
तेरु गढ़ देशा तेरु पीछणे ही..... ऐंण
तू छोडीकी गै और बोल कुछ.... णीच यख
मी पूछदू तैथै अब क्या सब छे.......क्या वख
तू जै कै परदेश भी बेटा
तेरु गढ़ देशा तेरु पीछणे ही..... ऐंण
अपरू माटु त अखेर आपरू....... ही रैन
गंगा बोयी मा बोगी जाला पाप... या तरेण
तू जै कै परदेश भी बेटा
तेरु गढ़ देशा तेरु पीछणे ही..... ऐंण
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
बालकृष्ण डी ध्यानी
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