देर सबैर
देर सबैर हो भी जली
गढ़ राजधानी गढ़ मा आली
कब तक प्याली नलकों को पानी
पंतेद्र ऐकी ही वा.....तिस बुझली
देर सबैर हो भी जली
गढ़ राजधानी गढ़ मा ही आली
देर हुंद सब दुरुस्त हुंदू
ऐ मण मील पैल क्ख्क सुणयाली
अब पुरी करण की बारी ऐई
म्यार भुल्हा तेण क्ख्क मोक लुकाई
देर सबैर हो भी जली
गढ़ राजधानी गढ़ मा ही आली
देर देर क्दगा दूँण हुंदू
गढ़ देश तिल क्दगा फुंणडा होणों
आपरा हक अब मंगीले दी
गीच सील्युं क्या अब बोली लेदी
देर सबैर हो भी जली
गढ़ राजधानी गढ़ मा ही आली
देर सबैर हो भी जली
गढ़ राजधानी गढ़ मा आली
कब तक प्याली नलकों को पानी
पंतेद्र ऐकी ही वा.....तिस बुझली
देर सबैर हो भी जली
गढ़ राजधानी गढ़ मा ही आली
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
बालकृष्ण डी ध्यानी
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