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गढ़ बदलणु


गढ़ बदलणु

गढ़वाल मेरु बदलाण लग्युं 
आपरा पराया थै बिसरण लग्युं 
भाग भागै की ब्योह कंण छ आज कल 
नुणा नुणी सीखैसैर कंण छ आज कल ..२

कैल पढ़ाई कैल.... सीखाई..२ 
प्रेम की भाषा कैल बिंगाई
दोई नैना... चार कंण छ आज कल 
भाग भागै की ब्योह कंण छ आज कल 
नुणा नुणी सीखैसैर कंण छ आज कल ..२

गढ़ देश मेरु बदलण लग्युं ..२ 
प्रेम की बरखा मा बरसण लग्युं 
सरूआम प्रेमी बाजार घूमण छ आज कल 
भाग भागै की ब्योह कंण छ आज कल 
नुणा नुणी सीखैसैर कंण छ आज कल ..२

लोक लाज त्यागी क्ख्क जाणा छ आज कल 
रिती रिवाज बड़ों को मान होली जलणा छ आज कल 
सैती पाली की बोई बाबा थै किले भुल जाण छ आज कल 
भाग भागै की ब्योह कंण छ आज कल 
नुणा नुणी सीखैसैर कंण छ आज कल ..२

गढ़वाल मेरु बदलाण लग्युं 
आपरा पराया थै बिसरण लग्युं 
भाग भागै की ब्योह कंण छ आज कल 
नुणा नुणी सीखैसैर कंण छ आज कल ..२

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत 

बालकृष्ण डी ध्यानी
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