ADD

केले दूर कै


केले दूर कै

ऐ मेरा गढ़ देशा 
ऐ मेरु गढ़ देशा 
किले बण ...२ म्यार बाण तू 
अब परदेशा 
किले बण म्यार बाण तू 
अब परदेशा 

ककडी लागुला औ 
ककडी का लागुला ..२ 
लगी छंन ककडी हे हे हे हे ..२ 
हारी मिरच लूण .....सिलोटा
चोर चोरेकी हे हे हे हे 
चोर चोरेकी खाण वहाला 
मेर वख दगडया ...२ 

ऐ मेरा गढ़ देशा 
ऐ मेरु गढ़ देशा 
किले बण ...२ म्यार बाण तू 
अब परदेशा 
किले बण म्यार बाण तू 
अब परदेशा 

डालीयुं का झम्पा औ 
डालीयुं का झम्पा ...२
कंन वहाली मौज वख हे हे हे हे ..२ 
यकुली यकुली मी यख खुदेरा 
गोउड़ ब्ल्द्दों का चराणु हे हे हे हे ..२
रुलों को जींदगाणी
तू किले मै रूशी ..२

ऐ मेरा गढ़ देशा 
ऐ मेरु गढ़ देशा 
किले बण ...२ म्यार बाण तू 
अब परदेशा 
किले बण म्यार बाण तू 
अब परदेशा 

दिन सुधी ग्याई यख 
तेरु याद ही आई यख 
तू जी मेरु तू मेरु परणु 
केले दूर कै तिल मीथै तैसे 
क्या आणी वहली 
मेरी याद क्या तीथै 
बैठयूँ चों आस लगेकी
कब बोलालो तू मीथै 

ऐ मेरा गढ़ देशा 
ऐ मेरु गढ़ देशा 
किले बण ...२ म्यार बाण तू 
अब परदेशा 
किले बण म्यार बाण तू 
अब परदेशा 

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत 

बालकृष्ण डी ध्यानी
Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ