ऐगे हींवाला
ऐगे हींवाला त्यूं डाणडी यूँ मा
मौल्यार छेगै त्यूं डालीयूँ मा
ठणडू जडू मी थै लागण लग्युं
बोई गढ़ देश मेरु गराठण लग्युं
ऐगे हींवाला त्यूं डाणडी यूँ मा......
छेहण लगी कोयेड़ी वार पार
बरखा ण छोडी बस आंसूं की धार
यूँ आसूं थे तू जमैदे हे हिमाल
कदग विपदा झैलेलू मेरु गढ़वाला
ऐगे हींवाला त्यूं डाणडी यूँ मा......
मेला लागला चरखी घुमला
रंगली पिंगली जेलेबी मा बोई
हम अपरा हरच्यूं थै ख्वाजाला
संण दिशा मा आंखी बस भिजाल
ऐगे हींवाला त्यूं डाणडी यूँ मा......
छोडी दे विपदा छोडी दे ऐ खैरी
छोडी दे गढ़ देश की ऐ बाट तू
गढ़ खड़ो होणूचा छोड़ साथ तू
कैर ना पीछा अब स्वास लेन दे
ऐगे हींवाला त्यूं डाणडी यूँ मा......
ऐगे हींवाला त्यूं डाणडी यूँ मा
मौल्यार छेगै त्यूं डालीयूँ मा
ठणडू जडू मी थै लागण लग्युं
बोई गढ़ देश मेरु गराठण लग्युं
ऐगे हींवाला त्यूं डाणडी यूँ मा......
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
बालकृष्ण डी ध्यानी
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