मेर ब्योली
फजल की सेवा तेर
सिवा सौँळी सिवा सौँळी
झम झम झम झामा झम ..२
सुर्म्याली मुखडी देखी तेरी
मेर जीकोडी मैसे बोली .......क्या बोली
हे सुर्म्याली मुखडी देखी तेरी
मेर जीकोडी मैसे बोली
तू ही बणली मेरी ब्योली
दोपहरी कु राम राम तेर
सिवा सौँळी सिवा सौँळी
झम झम झम झामा झम ..२
इखम तकम... सरला तू देखे
क्ख्क काखमा.........हांजी क्ख्क काखमा
इखम तकम... सरला तू देखे
क्ख्क काखमा
दिशा दिशा ...तू दिखण लगे
दगडी मेंर रीन्गांण लगे
लोक भी अब बचाण लगे
तू ही बणली मेरी ब्योली
ब्युखोनी सम्नैन तेर
सिवा सौँळी सिवा सौँळी
झम झम झम झामा झम ..२
घरवाळी मील बल तैथै ही बणाण
बिकी जलो चा मेरु पुंगडो मकान.....अच्छा जी
घरवाळी मील बल तैथै ही बणाण
बिकी जलो चा मेरु पुंगडो मकान.
आज मील अपरी अपरी से बोली
भेद मनकी कु तैम ही खोली
तू ही बणली मेरी ब्योली
रात को प्रणाम तेर
सिवा सौँळी सिवा सौँळी
झम झम झम झामा झम ..२
सुप्नीयुं मा भी बल अब तू ही देखे
ना मीथै ना सरला इंण छलै.........किले जी
सुप्नीयुं मा भी बल अब तू ही देखे
ना मीथै ना सरला अब इंण छलै
कब सज धजे के अलो तेरो डोलो
कब बाणलो मी तेरु ब्योलो
नींदी भी बोलंण लगी
तू ही बणली मेरी ब्योली
फजल,दोपहरी,ब्युखोनी,रात की सेवा ली तेर
सिवा सौँळी सिवा सौँळी
झम झम झम झामा झम ..२
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
बालकृष्ण डी ध्यानी
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